45 फीसदी आरक्षण के आधार पर नहीं बन पाई राजद जिलाध्यक्षों की सूची, यादव जाति के 23 जिलाध्यक्षों में से 60% का हटना तय
पटना / राजद की स्थापना के 23 वर्ष बाद पहली बार राजद जिलाध्यक्षों के पद पर यादवी दबदबे को कम करने वाली सूची पूर्व घोषित तिथि 5 फरवरी को जारी नहीं हो सकी। क्यों नहीं जारी हुई, इसे लेकर दिन भर राजद कार्यालय में यह बहस जारी रही कि तेजस्वी की सहमति या तेजप्रताप के रांची दौरे, इनमें कौन कारण भारी पड़ा। दरअसल प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद अनुशासन और समय के पाबंद माने जाते हैं। ऐसे में खुद उनके द्वारा घोषित तिथि को राजद जिलाध्यक्षों की सूची जारी नहीं होने से बुधवार को वो खुद मायूस दिखे।
राजद कार्यालय में बैठने के बावजूद उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। वे दिन भर बैठ इंतजार करते रहे। उनकी तरफ से पार्टी कार्यालय में मौजूद नेता ये दलील देते रहे कि तेजस्वी यादव की तरफ से जिला अध्यक्षों के नाम पर अंतिम मुहर नहीं लगी। ऐसे में एक-दो दिन में जिलाध्यक्षों की सूची जारी होने की संभावना है। वैसे भी 9 फरवरी को नवनियुक्त जिलाध्यक्षों की पटना में बैठक होनी है। ऐसे में उसके पहले जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर ही दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक तेजप्रताप ने रांची में पिता लालू यादव से मिल अपने 3-4 खास समर्थक को जिलाध्यक्ष बनाने की बात कही है।
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राजद में अब तक यादव जाति के नेताओं की ही अधिकांश जिलों की राजनीति पर कब्जा रहा है। पर राजद के इस बेस वोटर के नजरअंदाज करने के कारण उनकी संभावित नाराजगी से राजद परिवार पसोपेश में है। 48 संगठन जिलाध्यक्षों में अभी यादव जाति के 23 अध्यक्ष है जिनमें नई व्यवस्था में 60 फीसदी का हटना तय है। यही कारण है कि प्रदेश अध्यक्ष ने तेजस्वी यादव के पटना लौटने के बाद ही लिस्ट जारी करने का मन बनाया है। राजद के अभी बिहार में 48 संगठन जिला हैं। इस बार नौगछिया और बाढ़ जिला को जोड़कर इसे बढ़ाकर 50 किया जा रहा है। 28 फीसदी अति पिछड़ा और 17 फीसदी होंगे एससीएसटी वर्ग के आरक्षण के हिसाब से राज्य के कुल 8463 पंचायत में से 2369 पंचायत अध्यक्ष अति पिछड़ा जाति से और 1438 पंचायत अध्यक्ष एससी-एसटी जाति के बनाए गए हैं। वहीं 534 प्रखंडों में 149 प्रखंड अध्यक्ष अति पिछड़ा वर्ग के और 91 प्रखंड अध्यक्ष एससी-एसटी वर्ग के बनाए गए हैं। पर राजद की राजनीति पर असल पकड़ रखने वाले जिलाध्यक्ष के मसले पर पार्टी उलझी हुई है। अभी 48 संगठन जिलाध्यक्षों में 40 जिलाध्यक्ष माई समीकरण से ही है। इनमें यादव जाति के 23 और मुसलमान समाज के 17 जिलाध्यक्ष हैं।