दिल्ली में ट्रम्प जहां ठहरे, वहां से 20 किमी दूर लगातार दूसरे दिन हिंसा; हेड कॉन्स्टेबल समेत 5 की मौत, 105 जख्मी
नई दिल्ली / नागरिकता संशोधन कानून यानी सीएए के मुद्दे पर उत्तर-पूर्व दिल्ली में सोमवार को लगातार दूसरे दिन हिंसा हुई। जाफराबाद और मौजपुर इलाके में सीएए विरोधी और समर्थक गुटों के बीच झड़प में 5 लोगों की मौत हो गई। सिर पर पत्थर लगने से हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की जान चली गई। हिंसा में शहादरा के डीसीपी अमित शर्मा, एसीपी अनुज कुमार समेत 10 जवान और 95 लोग जख्मी हो गए। उपद्रवियों ने कई जगहों पर गाड़ियों में आग लगा दी। भजनपुरा में पेट्रोल पंप भी फूंक दिया। जाफराबाद में उपद्रवियों ने खुलेआम पिस्तौल लहराई और फायरिंग की। खजूरी खास में पुलिस खुद भी उपद्रवियों पर पथराव करती नजर आई। रविवार शाम को इस इलाके में पहली बार तब हिंसा भड़की थी, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा एक सड़क खुलवाने पहुंचे थे।
लगातार दो दिन हुई हिंसा के बाद सोमवार शाम को उत्तर-पूर्व दिल्ली में सीआरपीएफ की 8 कंपनियां तैनात कर दी गईं। डीएमआरसी ने मंगलवार को 5 मेट्रो स्टेशन- जाफराबाद, मौजपुर-बाबरपुर, गोकलपुरी, जौहरी एन्क्लेव और शिव विहार को बंद रखने का फैसला लिया है। जिस इलाके में हिंसा भड़की, वह चाणक्यपुरी से करीब 20 किमी की दूरी पर है, जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ठहरे थे। हिंसा के बाद गृह मंत्री अमित शाह को दिल्ली के हालात का जायजा लेने के लिए आपात बैठक बुलानी पड़ी।
सीएए विरोधी और समर्थक एक किमी की दूरी पर डटे, 24 घंटे में दो बार झड़प हुई
1) टकराव शनिवार को हुआ, रविवार को पहली बार हिंसा भड़की
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत शनिवार शाम से हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। रविवार को यहां पहली बार हिंसा भड़की। विवाद तब शुरू हुआ, जब भाजपा नेता कपिल मिश्रा अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और सड़क खुलवाने की मांग काे लेकर सड़क पर बैठकर हनुमान चालीसा पढ़ने लगे।
2) सोमवार को भी हिंसा मौजपुर से ही शुरू हुई
सोमवार सुबह से मौजपुर चौराहे पर मंदिर के सामने महिलाएं नागरिकता कानून के समर्थन में सड़क पर बैठ गईं। दूसरी तरफ इस कानून के विरोध में प्रदर्शनकारी आमने-सामने हो गए। इसके बाद वहां माहौल भड़क गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई। पथराव करने वाले लोग नकाब पहने हुए थे। इसके बाद हालात बेकाबू होते चले गए। वजीराबाद रोड पर प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों में आग लगा दी। जाफराबाद रोड पर उपद्रवियों ने फायरिंग की। सरेआम पिस्टल और तलवारें लहराईं। उनके सामने पुलिस बेबस नजर आई। भजनपुरा में पेट्रोल पंप में आग लगा दी। यहीं पर सिर पर लगे पत्थर से हेड कांस्टेबल रतनलाल की मौत हो गई। हिंसा के दौरान शाहदरा डीसीपी की गाड़ी में भी आग लगा दी गई। दिनभर चली हिंसा में 10 से पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
जाफराबाद में उपद्रवी ने सरेआम गोलियां चलाईं
जाफराबाद से एक वीडियो सामने आया। भीड़ में शामिल एक उपद्रवी पुलिसकर्मी की ओर पिस्तौल तानता हुआ दिखाई दिया। बाद में उसने हवा में कई राउंड फायर किए। दिल्ली पुलिस के मुताबिक, फायरिंग करने वाले का नाम शाहरुख है।