एमटीएच महिला अस्पताल में मदर मिल्क बैंक बनकर तैयार, इसी माह हो सकता है उद्घाटन

एमटीएच महिला अस्पताल में मदर मिल्क बैंक बनकर तैयार, इसी माह हो सकता है उद्घाटन


इंदौर / सरकार ‘मदर मिल्क बैंक’ शुरू करना चाहती है। इसके लिए इंदौर में एमटीएच महिला अस्पताल का चयन किया गया। यह बनकर तैयार है। मशीनें और उपकरण खरीदे जा चुके हैं। संभवत: इसी माह इसका उद्घाटन किया जा सकेगा। वर्ष 2018 में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत (एनएचएम) इंदौर व भोपाल में इसे शुरू करने की मंजूरी मिली थी। डाॅक्टराें, नर्सों और तकनीशियन को मुंबई में प्रशिक्षण भी मिल चुका है। अस्पताल में कॉम्प्रहेंसिव लेक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट (सीएलएमयू) स्थापित की जा रही है। वैसे तो इसे पिछले साल अगस्त तक शुरू किया जाना था लेकिन समय पर अस्पताल का काम नहीं होने के कारण यह प्रोजेक्ट भी पिछड़ता गया।


अब काॅलेज प्रशासन ने सारे संसाधन जुटा लिए है। हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसे पूरी तरह शुरू किया जाएगा या नहीं? इसकी वजह यह है कि एमवायएच अस्पताल से स्त्री रोग विभाग की सेवाएं एमटीएच महिला अस्पताल में शिफ्ट नहीं की जा सकी है। ऐसे में मदर मिल्क बैंक को शुरू किया जा सकेगा या नहीं। यहां स्वस्थ इच्छुक प्रसूताओं का दूध भी छह माह तक स्टोर कर रखा जा सकेगा। एमवायएच प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां रोजाना औसतन 40 से 50 प्रसूति होती है। इस हिसाब से हर माह 1200 से 1500 महिलाओं की प्रसूति हो रही है जो शहर में सबसे ज्यादा है।


शिशु मृत्युदर रोकने की कवायद
जन्म के तुरंत बाद नवजात को मां का दूध मिल जाए तो शिशु मृत्यु दर में 22 प्रतिशत की कमी लाई जा सकती है। प्रदेश में शिशु मृत्यु दर 47 प्रति हजार है। मिल्क बैंक से दूध ऐसे बच्चों को दिया जाएगा, जो किसी चिकित्सकीय कारण से मां का दूध नहीं पी पाते हैं।


यह है फायदा... मिल्क बैंक में जमा दूध के इस्तेमाल से प्री-मैच्योर बच्चों को डायरिया और बुखार से बचाया जा सकेगा। कई बच्चों में जन्म के समय से ही आंत कमजोर होती है, वे मां का दूध नहीं पचा पाते हैं, ऐसे बच्चों को भी मिल्क बैंक का दूध देंगे।