गांव में बाघ आने से तीर-धनुष लेकर स्कूल पहुंच रहे बच्चे, वन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी
घाटशिला / झाटीझरना और कालचिती पंचायत के दर्जनों गांवों में 10 दिनों से एक बाघ को लेकर दहशत है। मिर्गीटांड़ के बच्चे तीर-धनुष की सुरक्षा में पढ़ाई करने के लिए पहुंच रहे हैं। बाघ के भय से स्कूल भी कई दिनों तक बंद रहा। 4 दिन से मूवमेंट नहीं मिलने से वन विभाग का दावा है कि बाघ वापस बंगाल की ओर चला गया है। हालांकि ग्रामीणों को सतर्कता बरतने की हिदायत दी है।
बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं तो अविभावक तीर-धनुष लेकर स्कूल के चारों ओर पहरेदारी करते हैं। दरअसल, बीते सप्ताह लोगों ने यह पाया कि उनके मवेशियों पर कोई जंगली जानवर हमला कर शिकार बना लेता है। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। टीम ने जब जांच की और पंजों के निशान देखे तो यह बात सामने आई कि क्षेत्र में एक बाघ आया है। इसके बाद झाटीझरना और कालचिती पंचायत के दर्जनों गांवों में बाघ के हमले की आशंका को लेकर अघोषित कर्फ्यू सी स्थिति बन गई। ग्रामीणों ने मवेशियों को चरने के लिए नहीं छोड़ा। लोग घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं।
भय से जंगल नहीं जा रहे ग्रामीण
इसके बाद पुलिस-प्रशासन और वन विभाग ने लोगों को बाघ से सुरक्षा को लेकर जागरूक किया। फूलझोर के ग्रामीणों का कहना है कि वह भय से जंगल नहीं जा रहे हैं। जंगल के साल पत्ता व दातून बेचकर अधिकांश लोगों का गुजारा चलता है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो पेट पालना मुश्किल हो जाएगा।
वन विभाग ने बाघ को लेकर अलर्ट जारी किया
वन विभाग की टीम ने लोगों से बाघ के दिखने पर प्रशासन को सूचना देने का आग्रह किया। ग्रामीणों को अपने मवेशी को जंगल के भीतर नहीं छोड़ने, रात में मवेशी को घर के अंदर बांधने और जंगल से सटे गांव के लोगों को घर के बाहर आग जलाकर रखने की हिदायत दी गई। बासाडेरा के सबरों ने खराब ट्रांसफाॅर्मर दुरुस्त करने, पीसीसी सड़क, पेंशन दिलाने की समस्या को अधिकारियों के समक्ष रखा, जिसके निदान के लिए सूचीगत किया गया है।