गिरफ्तारी वारंट पर आदेश हुआ नहीं, दूसरे कोर्ट से मेयर ने ली अग्रिम जमानत
भागलपुर / उम्र विवाद मामले में फंसी मेयर सीमा साहा की गिरफ्तारी नहीं होगी। एडीजे-1 वीके तिवारी की अदालत ने मेयर की दाखिल अग्रिम जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अर्जी पर सोमवार को दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने शाम को मेयर के पक्ष में फैसला सुनाया। उधर, सोमवार को ही जोगसर के थानेदार विश्वबंधु कुमार ने मेयर की गिरफ्तारी के लिए वारंट की अर्जी सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया। थानेदार विश्वबंधु कुमार ने थाना कांड संख्या 300/17 में सीमा साहा पर लगे आरोपों को सत्य पाते हुए उनकी गिरफ्तारी को जरूरी बताया। मालूम हो कि नगर निगम चुनाव-2017 में दाखिल शपथ पत्र में मेयर ने जो अपनी और अपने बच्चों की उम्र बताई थी। इसमें उनकी बड़ी बेटी और उनकी खुद की उम्र में महज 8 साल का अंतर पाया गया था। इस पर पूर्व डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर ने जोगसर थाने में केस दर्ज करवाया था। इस पर हुई एसडीओ की जांच में मेयर में दोषी पाया गया था। जोगसर पुलिस उन्हें नोटिस तामिल करने की कोशिश कर रही थी। मेयर इससे इनकार कर रही थीं।
जज ने पूछा, नोटिस लेतीं तो अरेस्ट होतीं क्या, फिर बेल का विरोध क्यों
उधर, विपक्ष की ओर से पन्ना सिंह ने कहा, मेयर संवैधानिक पद होता है। वह शहर की पहली नागरिक हैं। लेकिन पद पाने के लिए उन्होंने गलत तरीकों का सहारा लिया। जोगसर पुलिस ने सीआरपीसी की धारा-41 सी के तहत नोटिस देने का कई बार प्रयास किया, लेकिन मेयर ने ना तो नोटिस लिया ना ही हस्ताक्षर किया। वे पुलिस को सहयोग नहीं कर रही हैं। इस पर कोर्ट ने पूछा कि यदि धारा-41 सी के तहत मेयर नोटिस ले लेतीं तो क्या पुलिस उन्हें गिरफ्तार करती?
आम आदमी की सामाजिक प्रतिष्ठा और मान सम्मान बचाने के लिए सीआरपीसी की धारा 41 में संशोधन कर नई धारा ‘41 ए’ जोड़ी गई। यह 1 नवंबर 2010 से लागू हो गई। इस धारा में स्पष्ट कहा गया है कि 7 साल तक की सजा वाले अपराध के मामलों में चाहे जमानतीय हो या गैर जमानतीय, नामजद आरोपी की गिरफ्तारी से पहले उसे लिखित नोटिस दी जाएगी। आरोपी का पक्ष सुने बिना उसकी गिरफ्तारी नहीं होगी। इसका आशय भी साफ है कि जब तक आरोपी के विरुद्ध साक्ष्य न जुटा लिए जाएं, तब तक उसकी गिरफ्तारी न हो। इस संशोधन का दूसरा आशय फर्जी एफआईआर पर भी लगाम लगाना है।
पूर्व में सबजज कोर्ट से मिली थी राहत
इधर, जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान मेयर की ओर से वरीय अधिवक्ता अभयकांत झा और विपक्षी पूर्व डिप्टी मेयर डॉ. प्रीति शेखर की ओर से पन्ना सिंह ने बहस की। सरकार की ओर से लोक अभियोजक सत्यनारायण साह मौजूद रहे। अर्जी पर सुनवाई में मेयर की ओर से कहा गया कि यह राजनीतिक द्वेष से जुड़ा मामला है। 27 अक्टूबर 2019 को चुनावी नामांकन और उम्र संबंधी मामले से संबंधित एक मुकदमे में सबजज-1 की कोर्ट से राहत मिल चुकी है। 22 जून 2017 को पंकज कुमार गुप्ता ने मेयर पर मुकदमा किया था। इस मुकदमे में शिकायतकर्ता ने पर्याप्त दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया था। जिसके आधार पर सब जज-1 ने केस खारिज कर दिया था।
मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है
मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। घर-गृहस्थी से निकलकर मैंने नागरिक समस्या के समाधान के लिए वार्ड पार्षद का चुनाव लड़ा था। लोगों का विश्वास जीत पार्षद बनीं और पार्षदों का विश्वास जीत मेयर बनीं। काम में पारदर्शिता ही हमारी राजनीतिक पूंजी है। - सीमा साहा, मेयर
चार्जशीट जल्द देने के लिए एसएसपी से मिलूंगी
मेयर को अग्रिम जमानत मिलने से वे दोषमुक्त नहीं हो गईं, बड़े-बड़े अपराधी भी बेल पर हैं। पुलिस और प्रशासन की जांच में मेरे द्वारा पेश साक्ष्य को सही माना गया है। मंगलवार को एसएसपी से मिलकर अविलंब चार्जशीट की मांग करूंगी। - डॉ. प्रीति शेखर, पूर्व डिप्टी मेयर