गुलीकेरा के 11 गांवों में से 4 में पत्थलगड़ी की जड़ें मजबूत, वर्चस्व में खूनी संघर्ष का खतरा

गुलीकेरा के 11 गांवों में से 4 में पत्थलगड़ी की जड़ें मजबूत, वर्चस्व में खूनी संघर्ष का खतरा


चाईबासा / जंगल-पहाड़ में पत्थलगड़ी अपनी जड़ें जमा चुकी है। सरकारी तंत्र की दुर्गम इलाकों में धीमी पहुंच पत्थलगड़ी की मुहिम को फायदा पहुंचा रही है। इसकी बानगी गुलीकेरा पंचायत है। इस पंचायत के कुल 11 गांवाें में से करीब 4 गांवाें में पत्थलगड़ी समर्थकों की संख्या ज्यादा है। गुलीकेरा व जायरदा में ये ज्यादा ताकतवर हैं। वहीं, पांजन जैसे गांव में सरकारी तंत्र को मानने वाले लोग हैं। एेसे में इन दोनों मतों को मानने वाले लोगों के बीच खूनी संघर्ष का खतरा बना हुआ है। गुलीकेरा पंचायत के बुुरु गुलीकेरा की बहुसंख्यक आबादी पत्थलगड़ी सर्मथक है, यहां के लोग कुटुंब परिवार के नाम से चल रही पत्थलगड़ी की मुहिम के सर्मथक हैं।


ये गुजरात से संचालित होने वाले स्वराज्य की मुहिम को मानते हैं। यहां तक कि पिछले एक साल से केंद्र अाैर राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ भी नहीं ले रहे हैं। ये राशन कार्ड व आधार कार्ड नहीं रखते। बाजार से चावल नहीं खरीदते। गांव में उपजाए चावल ही खा रहे हैं। पत्थलगड़ी समर्थक गांव के मुंडा बुधवा बुढ़ का कहना है कि उनकी अपनी सरकार है। नियम-कायदे सब अपने हैं। बाहरी नियम-कानून और मदद की जरूरत नहीं। हां सरकारी बिजली का इस्तेमाल जरूर करते हैं। 
 
एक ही स्थान पर बनता है खाना, रात को जंगल में नींद 
बुरु गुलीकेरा के पत्थलगड़ी समर्थक सात लोगों की हत्या के बाद विराेधियाेंे काे प्रतिक्रिया का डर है। सभी अपने घर छोड़कर जंगल में छिपकर रात बिता रहे हैं। महिला मुक्ता होरो का कहना है कि पुलिस उनकी रक्षा नहीं कर सकती। वे दिन में आते हैं। गांव में फिलहाल एक स्थान पर खाना बन रहा है। लोग एक साथ ही भोजन कर रहे हैं। बुधवार को बुरुगुलीकेरा में ग्रामीणों की बैठक भी हुई है। उसने बताया कि पीएफएलआई वाले हथियार के साथ रात में आते हैं। 


घटना के बाद झारखंड एसाॅल्ट की तैनाती 
घटना के बाद दुर्गम गुलीकेरा व लोढ़ाई कैंप की 6 किलोमीटर के परिधि क्षेत्र को झारखंड एसाल्ट की टीम ने सर्च अभियान शुरू कर दिया है। झारखंड जगुआर के रांची कैंप से 80 जवान रोड ओपनिंग की कमान संभाल रहे हैं। वहीं सर्च चल रहा है। नाकेबंदी के साथ ही हर आने-जाने वाले से कड़ी पूछताछ कर रहे हैं। पश्चिमी सिहंभूम के एसपी इंद्रजीत महथा ने भी माना है कि गुलीकेरा में पत्थलगड़ी की मान्यता है। यहां के ग्रामीण अपनी मान्यताओं को मान रहे हैं।