न्यूक्लियर वैज्ञानिक ने कहा- जिन्ना में दूरदर्शिता का अभाव था, पाकिस्तान भ्रम की स्थिति में बना हुआ देश

इस्लामाबाद. न्यूक्लियर भौतिकी वैज्ञानिक परवेज हुडभोय ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर विवादास्पद बयान दिया है। हुडभोय ने कराची के अदब कार्यक्रम में कहा कि में पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को महान दर्जा दिया जाता है। लेकिन, वे कभी यह नहीं बता पाए कि पाकिस्तान कैसा होना चाहिए। उनमें दूरदर्शिता का अभाव था। हुडभोय ने कहा कि पाकिस्तान भ्रम की स्थिति में बना हुआ देश है।


हुडभोय ने कहा, जिन्ना ने कभी एक शोधपत्र तो क्या लेख तक नहीं लिखा। उन्होंने कई भाषण दिए जिन्हें समय-समय पर अलग ढंग से पेश किया गया। उन्होंने अपनी बात को साबित करने के लिए जिन्ना के कुछ भाषणों का उदाहरण भी दिया।


जिन्ना की दो राष्ट्र की थ्योरी गलत थी: हुडभोय


हुडभोय ने कहा कि 1948 में बार काउंसिल ऑफ कराची में दिए गए भाषण में जिन्ना ने कहा था कि पाकिस्तान एक इस्लामिक देश होगा। हालांकि 1945 में पाकिस्तान के बारे में पूछने पर उन्होंने कुछ स्पष्ट नहीं कहा था। जिन्ना ने कहा था कि पाकिस्तान के गठन के बाद देखेंगे कि क्या करना है। हुडभोय ने कहा कि जिन्ना ने दो राष्ट्र की थ्योरी दी, जो सही नहीं थी। बांग्लादेश के अलग होते ही इसका औचित्य समाप्त हो गया।


‘हम पिछले 73 साल से ईमानदार नहीं रहे’


उन्होंने कहा कि हम पिछले 73 साल से ईमानदार नहीं रहे। हम अभी भी ईमानदार नहीं है। पाकिस्तान एक भ्रमित देश है क्योंकि, यह बना ही भ्रम की स्थिति में था। उन्होंने कहा था कि अगर यह सोच कर पाकिस्तान बनाया गया था कि यहां पर मुसलिम शांति से रह सकेंगे, तो यह गलत है। ऐसा होता तो बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग नहीं होता। हमने बंगालियों के साथ दुर्व्यवहार किया,उन्हें छोटा समझा और उनका नरसंहार किया।