पाटलिपुत्र में इंजीनियर की हत्या; गोली लगने पर बाइक से अस्पताल लेकर पहुंचे दो दोस्त, मरने पर छोड़कर भागे
पटना / दानापुर गोला रोड नंबर-2 के रहने वाले इंजीनियर आलोक रंजन के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। घटना पाटलिपुत्र थाना इलाके के इंद्रपुरी रोड नंबर-6 में किराए के कमरे में रहने वाले उसके साथी अभिषेक उर्फ मोनू और हिमांशु के कमरे में हुई। गुरुवार देर रात आलोक को दोनों दोस्त उसे बाइक से लेकर अस्पताल लेकर पहुंचे और उसे वहीं छोड़कर भाग गए। अभिषेक और हिमांशु सारण के सिताबदियारा का रहने वाले हैं।
अभिषेक के पिता विजय सिंह उर्फ विनय कुमार किसान हैं। वहीं हिमांशु के पिता संतोष उर्फ पप्पू मिलिट्री में हैं। देर रात पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर परिजनों को घटना की जानकारी दी। पोस्टमार्टम के बाद शव शुक्रवार को परिजनों को सौंप दिया गया। इधर आलोक के पिता अशोक कुमार के बयान पर पाटलिपुत्र थाने में मामला दर्ज किया गया। एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने कहा, आलोक के दोनों दोस्तों की गिरफ्तारी के बाद ही मामला साफ होगा। आलोक को किसी ने गोली मारी है या फिर गलती से उसे गोली लगी।
कमरे से पुलिस को मिला एक खोखा, खून का धब्बा
अभिषेक और हिमांशु रोड नंबर-6 में एक पूर्व सांसद के मकान में किराए के कमरे में रहते हैं। कमरे से पुलिस को एक खोखा और खून के धब्बे मिले हैं। आलोक के पिता ने कहा, कमरा देखकर लगता है कि उसे खाली किया गया है। दोनों छात्रों के कोई कागजात भी कमरे पर नहीं मिले। सिर्फ बिस्तर और किचन का सामान ही मिला। एलआईसी एजेंट अशोक कुमार ने बताया कि उनका बेटा आलोक रोज रात को अपने दोस्त के कमरे पर पढ़ाई करने के लिए जाता था। गुरुवार को भी रात को खाना खाने के बाद उसने पिता से कहा कि वह अभिषेक के कमरे पर पढ़ाई करने जा रहा है। अभिषेक, हिमांशु और आलोक भोपाल स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज पढ़ चुके हैं। 2016 से सभी पटना में परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे।
पहले बाइक, फिर एंबुलेंस से ले गए
गुरुवार देर रात अभिषेक और हिमांशु बाइक के बीच में बैठाकर आलोक को लेकर पाटलीपुत्र स्थित रुबन अस्पताल पहुंचे। यह तस्वीर रूबन अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में कैद है। रूबन में डॉक्टरों ने आलोक को भर्ती नहीं किया। इसके बाद उसके दोस्तों ने वहां से एंबुलेंस लिया और पास के ही मेडीपार्क अस्पताल ले गए। वहां भी डॉक्टरों ने मरीज को एडमिट नहीं किया। तब अभिषेक और हिमांशु आलोक को लेकर कंकड़बाग स्थित एक अन्य अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद अभिषेक और हिमांशु वहां से भाग गए। इधर, एंबुलेंस मृतक को लेकर पाटलीपुत्र थाने पहुंच गया।
यूपी एसएससी पास कर चुका था आलोक
परिजनों ने कहा कि आलोक होनहार था। कुछ दिन पहले ही उसका यूपी एसएससी का रिजल्ट आया था। वह पास कर गया था। आलोक के पिता अशोक कुमार एलआईसी एजेंट हैं और वे लोग मूलरूप से मनेर के रहने वाले हैं। सालों से सभी गोला रोड में रहते हैं। आलोक इकलौता पुत्र था।
गलती से गोली आलोक को लग गई
अभिषेक और हिमांशु ने ही हरनौत में रहने वाले आलोक के ममेरे भाई दीपक को फोन कर घटना की जानकारी दी। हिमांशु को दोनों ने कहा, गलती से गोली चली और आलोक को लग गई। हमलोग कंकड़बाग के अस्पताल में लेकर जा रहे हैं। हालांकि, जब तक परिजन वहां पहुंचते दोनों फरार हो चुके थे।
कई सवालों के जवाब तलाश रही पुलिस
1. आलोक को गोली गलती से लगी या फिर जान-बूझकर मारी है?
2. अगर गलती से लगी तो फिर सिर में कैसे लगी?
3. दोनों दोस्तों में से किसी ने गोली मारी तो फिर अस्पताल क्यों पहुंचाया?
4. दोस्तों ने ही फोन कर घटना की जानकारी परिजनों को क्यों दी?
5. शव को अस्पताल पहुंचाने के बाद मृतक के दोनों दोस्त भाग क्यों गए?
6. क्या कमरे पर अभिषेक और हिमांशु के अलावा भी कोई और था?