सरयू राय ने बिजली चोरी के लिए चिह्नित दोषियों पर सीएम से मुकदमा दर्ज करने की मांग की

सरयू राय ने बिजली चोरी के लिए चिह्नित दोषियों पर सीएम से मुकदमा दर्ज करने की मांग की


जमशेदपुर / जमशेदपुर पूर्वी से निर्दलीय विधायक सरयू राय ने शनिवार को ट्वीट कर बिजली चोरी के मामले में चिन्हित दोषियों के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। ट्वीट में सरयू राय ने लिखा है कि जमशेदपुर एवं आसपास के क्षेत्रों मे कतिपय उद्योगों द्वारा बिजली चोरी की जांच हेतु गठित एसआईटी की रिपोर्ट में चिन्हित दोषियों पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शीघ्र मुकदमा दर्ज करें। पिछली सरकार के लगुओं-भगुओं की सरपरस्ती में बिजली चोर पहले की तरह सक्रिय हैं। इसकी जड़ मुख्यालय में है।


फरवरी 2019 में छह कंपनियों और 18 इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज करने की कही गई थी बात
झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने फरवरी 2019 में विधानसभा सत्र के दौरान बिजली चोरी का मामला उठाया था। इसके बाद पिछली सरकार में प्रभारी मंत्री सीपी सिंह ने कहा था कि सरकार पूर्वी सिंहभूम जिले में 400 करोड़ रुपए की बिजली चोरी करने वाली छह कंपनियों मेसर्स नानक इस्पात, नरेडी इंटरनेशनल, कासमा स्टील, गजानंद फेरो, पूर्वी आयरन, तारा इस्पात और बिजली चोरी करने में सहयोग करने वाले 18 इंजीनियरों पर एफआईआर करेगी। इंजीनियरों को बर्खास्त भी किया जाएगा। 


प्रदीप यादव ने कहा था कि पूर्वी सिंहभूम जिले में छह कंपनियों ने एक जनवरी 2015 से 31 दिसंबर 2018 तक 400 करोड़ रुपए की बिजली चोरी की। बिजली विभाग के तत्कालीन सीएमडी नितिन मदन कुलकर्णी ने इसकी जांच का आदेश दिया। विभाग ने नवंबर 2017 में एसआईटी गठित कर जांच कराई, लेकिन जांच रिपोर्ट के आधार पर कंपनी और बिजली चोरी में सहयोग करने वाले इंजीनियरों पर एफआईआर दर्ज नहीं किया। उल्टे इस मामले में संलिप्त इंजीनियर केके वर्मा को प्रोमोट कर एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बना दिया गया।


एसआईटी रिपोर्ट पर हटाए गए थे जमशेदपुर के जीएम 
एसआईटी रिपोर्ट के बाद विद्युत बोर्ड ने जमशेदपुर के जीएम केके वर्मा, अधीक्षण अभियंता (एसई ) मनमोहन कुमार समेत कार्यपालक और सहायक अभियंता स्तर के लगभग 34 अभियंताओं को हटाया गया था।


 


ऐसे कराई गई थी चोरी 
एसआईटी की रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि इंडक्शन फर्नेस और उद्योगों में अधिकारियों के मिलीभगत से बिजली की चोरी कराई गई। इससे विद्युत बोर्ड को करोड़ों का नुकसान हुआ। 2014-17 तक अधिकारियों ने करोड़ों की बिजली चोरी कराई। छह कंपनियों में करीब 7.96 करोड़ की बिजली चोरी हुई।