सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस में साइरस मिस्त्री की बहाली का आदेश रोका

सुप्रीम कोर्ट ने टाटा संस में साइरस मिस्त्री की बहाली का आदेश रोका


नई दिल्ली / साइरस मिस्त्री मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) के फैसले पर शुक्रवार को रोक लगा दी। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े की बेंच ने यह स्टे दिया। टाटा सन्स ने अपीलेट ट्रिब्यूनल के 18 दिसंबर के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री को टाटा सन्स के चेयरमैन पद से हटाने के फैसले को गलत बताते हुए बहाली के आदेश दिए थे। टाटा सन्स ने अक्टूबर 2016 में मिस्त्री पर भरोसा नहीं होने की बात कहकर उन्हें चेयरमैन पद से हटा दिया था। 


मिस्त्री परिवार की कंपनी साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर वरिष्ठ वकील सी ए सुंदरम ने दलील रखी। उन्होंने अपील की थी कि ट्रिब्यूनल के आदेश पर रोक लगाने की बजाय दो हफ्ते का नोटिस देकर जवाब मांगना चाहिए। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिब्यूनल का फैसला पहली नजर में ही सही नहीं लग रहा। मिस्त्री पक्ष ने अंतरिम व्यवस्था की अपील भी की लेकिन खारिज हो गई। साइरस मिस्त्री की ओर से वकील एन के कौल और मिस्त्री पक्ष के शेयरधारकों की ओर से वकील श्याम दीवान ने पैरवी की। टाटा सन्स का पक्ष अभिषेक मनु सिंघवी, हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी और मोहन पारासरन ने रखा। 


फैसले में बुनियादी गलतियां थीं, मामला विस्तार से सुनने के बाद लिया निर्णय 
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रिब्यूनल के फैसले में बुनियादी गलतियां थीं, हमने मामले को विस्तार से सुना है। मिस्त्री ने चेयरमैन पद पर बहाली की अपील ही नहीं की थी, लेकिन ट्रिब्यूनल ने आदेश दे दिया। टाटा सन्स माइनॉरिटी शेयरहोल्डर पर शेयर बेचने का दबाव नहीं डाल सकती। मिस्त्री को नोटिस जारी किया गया है।


रतन टाटा ... मिस्त्री में लीडरशिप का गुण नहीं था, प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची 
मिस्त्री परिवार के पास टाटा सन्स के 18.4% शेयर हैं। टाटा सन्स टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है। इसके 66% शेयर टाटा ट्रस्ट के पास हैं। टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन रतन टाटा हैं। अपीलेट ट्रिब्यूनल ने मिस्त्री को हटाने के मामले में रतन टाटा को भी दोषी ठहराया था। उनका कहना है कि ट्रिब्यूनल ने बिना तथ्यों या कानूनी आधार के फैसला दिया। मिस्त्री में लीडरशिप का गुण नहीं था, इस वजह से टाटा ग्रुप की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा। 


साइरस मिस्त्री.. टाटा सन्स के बोर्ड में सीट सुनिश्चित करना चाहूंगा 
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहली ही मिस्त्री कह चुके थे कि वे टाटा सन्स के चेयरमैन या टीसीएस, टाटा टेली या टाटा इंडस्ट्रीज के निदेशक बनने के इच्छुक नहीं हैं। लेकिन, माइनॉरिटी शेयरहोल्डर के नाते अपने अधिकारों की रक्षा के लिए सभी विकल्प अपनाएंगे। इनमें टाटा सन्स के बोर्ड में जगह पाना भी शामिल है, पिछले 30 साल से यह इतिहास रहा है। टाटा सन्स के कॉर्पोरेट गवर्नेंस को बेहतर बनाना और पारदर्शिता लाना भी प्राथमिकता है।