टीपीएस कॉलेज के प्रोफेसर की हत्या का मामला; भाभी से था अवैध संबंध, छोटे भाई ने दो लाख की सुपारी देकर कराई थी हत्या
पटना / टीपीएस कॉलेज के राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर शिवनारायण राम की पत्नी से उनके छोटे भाई वीरेंद्र राम का अवैध संबंध था। इस वजह से घर में कलह चल रहा था। इसलिए वीरेंद्र ने ही दो लाख की सुपारी देकर बड़े भाई शिवनारायण की हत्या कराई। प्रोफेसर की पत्नी और देवर के मोबाइल में पुलिस को कई ऐसे मैसेज मिले, जिससे कातिलों से लेकर अपराधियों तक पहुंची। पुलिस ने इस मामले में वीरेंद्र और उसके दोस्त शैलेंद्र समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अगले दिन किया भुगतान
नेवी मर्चेंट में इंजीनियर अविवाहित 45 साल के वीरेंद्र ने उनकी हत्या के लिए दवा कारोबारी दोस्त शैलेंद्र किशोर की मदद ली। गोविंद मित्रा रोड के महिमा पैलेस स्थित धनमती अंबिका एजेंसी के मालिक शैलेंद्र ने वहीं की एक दवा दुकान में काम करने वाले प्रेम सागर को उनकी हत्या के लिए दो लाख की सुपारी पर सौदा किया। प्रेम ने हत्या करने के लिए परिचित विकास कुमार उर्फ बिल्ला, धीरज और अमरजीत कुमार उर्फ छोटू को सेट किया। 29 जनवरी को विकास व धीरज ने कॉलेज जाने के दौरान कंकड़बाग के चांदमारी रोड के पास जनता फ्लैट रोड नंबर 8 पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। प्रोफेसर की पत्नी और देवर के मोबाइल में पुलिस को कई ऐसे मैसेज मिले, जिससे कातिलों से लेकर अपराधियों तक पहुंची। हत्या होने के दूसरे दिन यानी 30 जनवरी को शैलेंद्र की दवा दुकान में 2 लाख की सुपारी का भुगतान हुआ था।
पत्नी की संलिप्तता सामने नहीं आई
एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि वीरेंद्र का प्रोफेसर की पत्नी से अवैध संबंध था। उसने ही साजिश रची। पुलिस ने इस मामले में वीरेंद्र, शैलेंद्र, शूटर विकास व धीरज के साथ ही अमरजीत व प्रेमसागर को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से हत्या में उपयोग की गई एक देसी पिस्टल के अलावा एक जिंदा कारतूस, स्कूटी व छह मोबाइल बरामद किया। एक बाइक पुलिस बरामद नहीं कर सकी है। गिरफ्तार अपराधी महेंद्र इलाके के रहने वाले हैं। शैलेंद्र आलमगंज के नूरानीबाग का रहने वाला है। प्रोफेसर की पत्नी की अभी जांच में कोई संलिप्तता सामने नहीं
आई है।
देवर-भाभी के मैसेज से पुलिस को मिल गया था हत्या का राज
पटना|पहले ही दिन पुलिस को पता चल गया था कि उनकी जिस तरह हत्या हुई है उसमें उनका ही कोई करीबी है। पुलिस प्रोफेसर के पूर्वी इंदिरानगर स्थित घर पर भी गई। वहां जो जानकारी मिली उससे शक घर वालों पर ही आकर रुक गया। प्रोफेसर की पत्नी व उनके साथ रहने वाले भाइयों के मोबाइल के सीडीआर व मैसेजों को खंगालना शुरू कर दिया। चूंकि मामला प्रोफेसर का था, छात्र व शिक्षकों का दबाव पुलिस पर था इसलिए पुलिस ने किसी घर वाले को पहले गिरफ्तार नहीं किया ताकि कहीं मामला उलट गया तो पुलिस की किरकिरी हाे जाएगी। एसआईटी ने वीरेंद्र के मोबाइल का सीडीआर निकाला। इससे पता चला कि वह घटना के पहले कहां-कहां गया और किन-किन लोगों से बात की। इसी बीच पुलिस को गोविंद मित्रा रोड में एक दवा दुकान में काम करने वाले प्रेम सागर का नंबर मिला। पुलिस ने पहले उसे महेंद्रू से उठाया और सख्ती से पूछताछ की तो मामला खुलता चला गया। उसने सारी हकीकत पुलिस को बता दी। फिर पुलिस ने शूटर विकास व अमरजीत को उसी के मुहल्ले से दबोचने के बाद दुकानदार शैलेंद्र किशोर को पकड़ा। शैलेंद्र को पकड़ने के लिए भी पुलिस ने चाल चली। पुलिस उसके गोविंद मित्रा रोड स्थित दुकान में सोमवार को गई पर वह नहीं था। उसके स्टाफ को कहा कि उन्हें जान का खतरा है। फौरन उन्हें पीरबहोर थाना आने को कहें। अनजान शैलेंद्र थाने पहुंच गया फिर पुलिस ने उससे पूछताछ शुरू की तो बता दिया कि वीरेंद्र ने ही प्रोफेसर की हत्या के लिए अपराधियों को सेट करने और सुपारी देने को कहा था। बाद में पुलिस ने वीरेंद्र को पकड़ लिया। उन्होंने भी सारी बात बता दी। हालांकि पुलिस ने वीरेंद्र को घर जाने को कह रहे थे पर उन्होंने मना कर दिया।
29 को प्रोफेसर के साथ आया था एक अपराधी
29 जनवरी को भी प्रोफेसर की हत्या करने में नाकाम न रह जाए, इसके लिए प्रेम सागर मलाही पकड़ी स्थित घर के पास से ही प्रोफेसर के साथ ई-रिक्शा पर बैठ गया था। दोनों एक साथ चांदमारी रोड के पास उतरे। पहले से विकास व अमरजीत स्कूटी लेकर खड़ा था जबकि धीरज दूसरी बाइक से घटनास्थल से कुछ मीटर दूरी पर था। बाद में प्रेमसागर धीरज के पास पहुंच गया। जैसे ही प्रोफेसर जनता फ्लैट रोड नंबर आठ के पास पैदल पहुंचे, बाइक के पीछे बैठे विकास ने उन्हें रोका और गोली मारी दी। उसके बाद अमरजीत और विकास दोनों बाइक से फरार हो गए। फिर स्कूटी से प्रेम सागर और धीरज फरार हो गया। बाइक व स्कूटी की व्यवस्था धीरज ने की थी इसके लिए उसे 10 हजार मिला था जबकि प्रेम सागर को 40 हजार वहीं मौके पर मौजूद विकास व अमरजीत को 75-75 हजार मिला था।